Thursday, February 3, 2011

क्रि के ट ज्व र


चिंता छोडो, सुख से जीओ, अब वर्ल्ड कप आ गया,
अब नही कोइ फरियाद, क्रिकेट का वर्ल्ड कप आ गया.

बच्चा ‘प्रिलिम’ परिक्षा मे पास हुआ था या फैइल, याद नही,
सचिन-धोनी का ‘स्कोर’ हमे है याद, वर्ल्ड कप आ गया.

दफ्तरमे जरूरी ‘फाइलो’के ढेर लगे है? ‘नो प्रोब्लेम’,
घर बैठे देखो रमत ये महान, वर्ल्ड कप आ गया.

आदर्श, ‘स्पेक्ट्रम’ वाले गुंडे जा रहे है देश को लुंट कर,
हम तो है ‘क्रिकेट’मे गुलतान, वर्ल्ड कप आ गया.

‘बजेट’मे पता नही कहा कहा से वो जेब काट लेंगे?
सोचुंगा दो अप्रैल  क़ॆ बाद, वर्ल्ड कप आ गया.

सोते जागते मुजे दिख रहे है सिर्फ ‘क्रिकेटरो’ के चहेरे,
’शीला’, ‘मुन्नी’ का अब नही कोइ काम, वर्ल्ड कप आ गया.

बच्चा रो रहा है, बीवी बुला रही है, दोस्तका फोन है,
जवाब दुंगा ‘मेच’के बाद, वर्ल्ड कप आ गया.

मरनेका मुजे कोइ डर नही लेकीन ‘मेच’ सारे देखने है,
ठहर जा तु यमराज, अब तो वर्ल्ड कप आ गया.


You are invited to read my article
"BEYOND CRICKET" on

2 comments:

  1. rबच्चा रो रहा है, बीवी बुला रही है, दोस्तका फोन है,
    जवाब दुंगा ‘मेच’के बाद, वर्ल्ड कप आ गया.
    bilkulsatya kaha aapne.match ke doraan ghar ka mahole aesa hi ho jaata hai.badhaai achhi rachnaa ke liya

    ReplyDelete