Wednesday, August 10, 2011

नेता



पता नही कितना गहरा है, पेट उनका भरता  नही,
सब कुछ खाये जा रहा है, ना कभी वो करता  नही.

तोप, चारा, स्पेक्ट्रम, खेल;  धन, धान्य और कच्चा तेल,
बेशरम सब कुछ खा गया, वो  किसीसे डरता नही.

वचन-वायदे तो बहुत किये थे, वोट लेने जब आये थे,
अब जनता का काम करने मे, मन उनका लगता नही.

सीधा सादा आम आदमी था, जब वो नेता बना नही था,
लेकिन जबसे चुनाव जिता हे, पाँव जमीं पर रखता नही.

उनके बारेमे अब क्या कहे, हम अपनी मर्यादामे रहे,
डरता है, इसलिये यमराज भी, प्राण उनके हरता नही.