Friday, January 28, 2011

उ डा न


बादलो पे कदम रखे है, आसमान को छु लिया है
मंझील तो बहुत दूर है अभी, सफर शुरु कर लिया है ।

बिता कल क्या था, कैसा था, हम ने सब भुला दीया है
चांद पकडना तय किया है, रास्ता हम ने बना लिया है ।

राह कठीन है, मुश्किल है, मालुम हमे सब कुछ है
अंधेरो का डर नहि अब, सुर्य को हम ने साथ लिया है ।

लो, रास्ता तो खत्म हो गया, लोग हमे बताते है
मेरु मध्ये मार्ग बनाना, लेकिन हमने तय किया है ।

खुली आंख का सपना ये है, उसे सच बनाना है, 
काम कोइ मुश्किल नही अब, साथी तुमे बना लिया है ।


 

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